शनि स्तोत्र का पाठ || shani stotram || shani stotra in hindi || shani stotra ka path

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Эзотерическое одиночество в мире тайных эмоций
शनि स्तोत्र का पाठ || shani stotram || shani dev ka stotra || shani stotra ka path नमस्कार दोस्तों, आज मैं भगवान श्री राम के पिता महाराज दशरथ द्वारा रचित शनि स्तोत्र का पाठ प्रस्तुत कर रही हो। जिस मनुष्य पर शनिदेव की महादशा या साढ़ेसाती चल रही हो, उसे शनि स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। शनि स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। आइए शुरू करते हैं शनि स्तोत्र का पाठ नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।। नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च । नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:। नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।। नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय करालिने।। नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते। सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ।। अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते। नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते।। तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च। नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।। ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे। तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।। देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:। त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।। प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे। एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल: ।। जय शनि देव Hello friends, today I am presenting the text of Shani Stotra composed by Maharaj Dashrath, father of Lord Shri Ram. The person on whom the Mahadasha or Sade Sati of Shani Dev is going on, he must recite Shani Stotra. By reciting Shani Stotra, Shani Dev gets pleased...

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